महाकुंभ का समापन: पहले वीकेंड पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़, रेलवे ने बढ़ाई कर्मचारियों की ड्यूटी
महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को हो चुका है, और आज समापन के बाद पहला वीकेंड है। संगम स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। इस दौरान, रेलवे ने 2 मार्च तक कर्मचारियों की ड्यूटी बढ़ा दी है, ताकि बढ़ी हुई भीड़ को संभाला जा सके।
श्रद्धालुओं का कहना है कि पहले जब इतनी अधिक भीड़ थी, तो परिवार और बच्चों के साथ आने में हिम्मत नहीं हुई, लेकिन अब आसानी से वे परिवार के साथ संगम स्नान के लिए पहुंच रहे हैं।

महाकुंभ में शामिल न हो पाने वाले श्रद्धालुओं के लिए सरकार ने उनके जिलों में संगम स्नान की व्यवस्था की है। इसके लिए शुक्रवार को फायर ब्रिगेड की गाड़ियां संगम का जल लेकर जिलों के लिए रवाना की गईं।
महाकुंभ के सेक्टर-16 में किन्नर अखाड़ा के पास मुलायम सिंह की मूर्ति लगाई गई थी, जिसे समाजवादियों ने हटा दिया और संतों को भोजन तथा दक्षिणा दी।
शुक्रवार को संगम स्नान करने गए तीन दोस्त नदी में डूब गए। जल पुलिस ने दो को बचा लिया, लेकिन एक छात्र की डूबने से मौत हो गई।
महाकुंभ के आयोजन में बिजली का कुल खर्च 30 करोड़ रुपये रहा, जबकि पावर कॉरपोरेशन ने कुल 180 करोड़ रुपये खर्च किए। यूपी सरकार ने इस आयोजन के लिए 208 करोड़ रुपये का बजट दिया था।
अब महाकुंभ के बाद स्थायी और अस्थायी पंडालों को उखाड़ा जा रहा है, और एक विशेष सफाई अभियान चलाया जा रहा है। संगम क्षेत्र, घाटों और मेला क्षेत्र की सफाई की जा रही है, ताकि सभी स्थानों को साफ और सुरक्षित रखा जा सके।